TB को विश्व स्तर पर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में पहचाना गया है।दुनिया की लगभग एक तिहाई आबादी,यानी लगभग दो अरब लोग टीबी रोग से संक्रमित हैं।हर साल करीब 90 लाख लोग इसके शिकार हो रहे हैं।
2020 तक लगभग 200 मिलियन लोगों के इस रोग से प्रभावित होने का अनुमान है।इस गंभीर बीमारी के संकेत मिलते ही तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क किया जाना जरूरी है।
- What is TB:
ट्यूबरकुलोसिस जिसे आम भाषा में टीबी के नाम से जाना जाता है,एक गंभीर बीमारी है।यह Mycobacterium tuberculosis नामक बैक्टीरिया की वजह से होती है। यह बैक्टीरिया अधिकतर फेफड़ों को निशाना बनाता है,फेफड़े के साथ ही शरीर के अन्य अंग को भी यह नुकसान पहुंचा सकता है।यह हवा के माध्यम से फैलने वाली बीमारी है।
जब टीबी रोग से ग्रसित व्यक्ति छींकता या खांसता है,माइकोबैक्टीरियम हवा के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को अपना शिकार बना लेते हैं।किसी का इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है,आसानी से टीबी रोग की चपेट में आ सकता है।इलाज न किया जाए,टीबी प्राणघातक भी साबित हो सकती है।टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित लोगों को दवा देकर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है।

- Types of T.B:
क्या आपको पता है कि टीबी के प्रकार भी होते हैं।टीबी को दो प्रकार में विभाजित किया गया है,इस प्रकार है।
1).Active TB:
जब टीबी के जीवाणु सक्रिय होते हैं तो यह शरीर में गुणा यानी मल्टीप्लाई होने लगते हैं।इसे टीबी रोग एक्टीव टीबी कहा जाता है।टीबी होने वाले लोग बीमार होते हैं।बैक्टीरिया एक से दूसरे व्यक्ति में फैलाते हैं,जिसके साथ संक्रमित व्यक्ति समय बिताते हैं।
2).Latent TB:
जब टीबी के जीवाणु सक्रिय होते हैं तो यह शरीर में गुणा यानी मल्टीप्लाई होने लगते हैं।टीबी रोग एक्टीव टीबी कहा जाता है।टीबी होने वाले लोग बीमार होते हैं।बैक्टीरिया एक से दूसरे व्यक्ति में फैलाते हैं,जिसके साथ संक्रमित व्यक्ति समय बिताते हैं।

- Due to TB:
- * माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण ऐसा हो सकता है।
- *टीबी एक संक्रामक रोग है,यह हवा के माध्यम से भी फैल सकता है।
- * टीबी ग्रसित व्यक्ति का संक्रमित रूमाल या तौलिया इस्तेमाल करने से भी यह हो सकता है।
- * एचआईवी की अवस्था में भी टीबी हो सकता है।
- symptoms of TB:
बोन टीबी के लक्षण में जोड़ों में दर्द,कमर दर्द रीढ़ की हड्डी में दर्द शामिल हैं।
- *भूख में कमी आना।
- *कमजोरी या थकान महसूस होना।
- *बुखार आना।
- *रात को पसीना आना।
- *तीन हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक बुरी तरह से खांसी होना।
- *सीने में दर्द होना।
- *ठंड लगना।

*TB risk factors:
- 1).टीबी के बैक्टीरिया से संक्रमित हुए हों:
- *टीबी की उच्च दर वाले देश से लौटने वाले।
- *5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे।
- *बैक्टीरिया के चपेट में आसानी से आने वाले लोग।
- *बेघर व्यक्ति, इंजेक्शन वाले ड्रग का इस्तेमाल करने वाला और एचआईवी संक्रमण वाले व्यक्ति।
2).शारीरिक समस्या,प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती हो:
- *मादक द्रव्यों का सेवन करने वाले।
- *फेफड़े से संबंधित रोग।
- *एड्स का कारण बनने वाला वायरस।
- *किडनी की गंभीर बीमारी।
- *डायबिटीज के मरीज।
- *शरीर का कम वजन होना।
- *अंग प्रत्यारोपण।
- *सिर और गर्दन का कैंसर।
- *कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसे चिकित्सा उपचार।

- Some home remedies for TB:
1).विटामिन-डी:
400 से 800 IU विटामिन-डी.
Method of use:
- *मछली,डेयरी उत्पाद,पनीर और अंडे जैसे विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- *डॉक्टर से परामर्श करने के बाद विटामिन डी के सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
विटामिन-डी के माध्यम से टीबी की समस्या पैदा करने वाले माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के संक्रमण को रोकने और इससे होने वाली समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है।
2).एसेंशियल ऑयल:
- दामियाना,लिप्पिए तेल सेज ऑयल,डिफ्यूजर,पानी.
- Method of use:
- *पहले डिफ्यूजर को पानी से भर लें।
- *अब पानी से भरे डिफ्यूजर में तीनों तेल में से किसी की भी 3-4 बूंदें डाल लें।
- *अब इसे इनहेल करें।
इन एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करके ट्यूबरकॉलोसिस के लक्षण से बचने में मदद मिल सकती है।इससे बचाव भी किया जा सकता है।

3).ग्रीन टी:
Method of use:
- *एक कप गर्म पानी में एक चम्मच ग्रीन टी डालें।
- *उबाल आने के बाद इसे छान लें।
- *चाय को थोड़ी देर ठंडा होने के लिए रख दें।
- *फिर शहद मिलाकर पी लें।
ग्रीन टी सहित विभिन्न चाय की पत्तियों में एपिग्लोकैटेचिन-3-गैलेट नामक पॉलीफेनोल्स मौजूद होते हैं।यह गुण ट्यूबरकुलोसिस के जीवाणु को बढ़ने से रोक सकता है।
4).लहसुन:
- Method of use:
- *आहार में एक से दो चम्मच कुचला हुआ लहसुन इसका पेस्ट शामिल करें।
- *सीधे लहसुन को चबाया भी जा सकता है।
यह टीबी के बैक्टीरिया से भी लड़ने में लाभदायक होता है।लहसुन ट्यूबरकुलोसिस को रोकने और क्षय रोग के लक्षण को कम करने में सहायक हो सकता है।
5).आंवला:

Method of use:
- *तीन से चार छोटे आंवलों से बीज निकालें।
- *अब थोड़ा पानी डालकर इसे ब्लेंड कर दें।
- *ब्लेंड करने के बाद इससे रस निकाल लें।
- *फिर आंवले के जूस में थोड़ा शहद मिलाएं और तुरंत पी लें।
टीबी के लक्षण और टीबी की दवा,जैसे डॉट्स की वजह से होने वाली समस्याएं–जी-मिचलाना,उल्टी आदि से कुछ राहत पाने में मदद मिल सकती है।यह आंवला गाय के दूध और चीनी को मिलाकर बनाया जाता है।यह पाचन शक्ति को बढ़ाने और लिवर को मजबूत बनाने का भी काम कर सकता है।