तांबे की धातु से बनी अंगूठी की मुद्रा काफी पुरानी है।प्राचीन काल से तांबे की अंगूठी पहनने की परंपरा रही है।रत्न शास्त्र में तांबे की अंगूठी को बहुत ही लाभकारी बताया गया है।ग्रहों के दोषों को दूर करने के साथ ही यह अंगूठी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है।तांबे को मंगल और सूर्य की धातु माना गया है।

- जानिए, तांबे की अंगूठी पहनने से क्या-क्या फायदे होते हैं:(how do we know about the bronze age)
1).ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तांबे की अंगूठी या चूड़ी पहनने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
2).तांबे की अंगूठी धारण करने से पेट संबंधी सभी विकार दूर हो जाते हैं।
3).गठिया के रोगियों को तांबे की चूड़ियां जरूर पहननी चाहिए।
4).ज्योतिष शास्त्र में तांबे का छल्ला अनामिका अंगुली में धारण करने से सूर्य दोष दूर होता है।
5).तांबे की अंगूठी धारण करने से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
6).तांबे का छल्ला या कड़ा धारण करने से रक्त शुद्ध होता है।ब्लड सर्कुलेशन नॉर्मल रहता है।
7).तांबे की अंगूठी पहनने से मानसिक और शारीरिक तनाव भी कम होता है।

तांबे की अंगूठी किस उंगली में पहनना है सबसे फायदेमंद:(what are the benefits of bronze)
अपने आस-पास मौजूद कुछ लोगों के हाथों में तांबे की अंगूठी को पहने देख खुद भी पहनना शुरू कर देते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए।आयुर्वेद के अनुसार,तांबे की अंगूठी या कड़ा पहनने से जोड़ों और गठिया का दर्द दूर रहता है क्योंकि तांबे में एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है, जो रोगों को दूर करती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार तांबे के बर्तन को घर में रखने से सुख-शांति आती है।तांबे के बर्तन में खाना या पानी पीना सेहत के लिए अच्छा होता है।इसकी शुद्धता से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।यदि घर का मुख्य द्वार गलत दिशा में हो तो तांबे का सिक्का लटकाने से वास्तु दोष दूर होता है।
पेचिश की समस्या से परेशान हैं तो तांबे की अंगूठी इस समस्या में आपकी काफी मदद कर सकती है।तांबे की अंगूठी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होती है।इस अंगूठी को पहनकर आप शरीर के सूजन को भी कम कर सकते हैं।
तांबे की अंगूठी शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करता है।इसे पहनने से शारीरिक और मानसिक तनाव कम होता है, ये अंगूठी तन और मन दोनों को शांत रखने में मदद करता है।
तांबे की अंगूठी सूर्य की उंगली यानी रिंग फिंगर में पहननी चाहिए।इससे कुंडली में सूर्य के दोषों का असर कम हो सकता है।सूर्य के साथ ही तांबे की अंगूठी से मंगल के अशुभ असर भी कम हो सकते हैं।
तांबे की अंगूठी के प्रभाव से सूर्य का बल बढ़ता है, जिससे हमें सूर्य देव की कृपा से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है।यदि आपके हाथों के नाखून खराब हो रहे हैं, तो उसमे भी लाभ होगा।
जिनकी मकर और कुम्भ लग्न या राशि है,कृपा वह ना पहने सूट करने की संभावना बहुत कम है।रविवार शुक्ल पक्ष के बाद सुबह गंगाजल से धोकर पहने।इससे पेट से संबंधित बीमारियों से मुक्ति मिलती है।आर्थराइटिस के रोगियों को तांबे का कड़ा जरूर पहनना चाहिए।

तांबे के छल्ले उंगली को हरा कर सकते हैं ?(benefits of bronze jewelry)
तांबे की अंगूठी आपकी अनामिका पर हरे रंग का निशान छोड़ सकती है।त्वचा का यह मलिनकिरण इस बात का संकेत है कि तांबे की अंगूठी अच्छी तरह से काम कर रही है और शरीर के सभी नकारात्मक प्रभावों को अवशोषित कर रही है। ज
हवा अन्य रसायनों जैसे लोशन,साबुन आदि के साथ प्रतिक्रिया करता है,तो यह हरा या नीला हरा हो जाता है।इससे त्वचा पर दाग भी पड़ सकते हैं।मलिनकिरण सुरक्षित है और किसी भी तरह से हानिकारक नहीं है।बस दाग को साबुन और पानी से धो लें।
तांबे के छल्ले या कंगन न केवल विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज कर सकते हैं बल्कि एक व्यक्ति में समग्र कल्याण को भी बढ़ावा दे सकते हैं।शारीरिक रूप से,बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी व्यक्ति का कायाकल्प करता है।किसी भी संदेह या प्रश्न के मामले में,अपने ज्योतिषी से परामर्श करना सबसे अच्छा है।