इन स्कूल लव स्टोरी को रियल लाइफ से लिया गया है।स्कूल की लव स्टोरी को पढ़ने के बाद आपको अपना भी स्कूल लव स्टोरी याद आ सकता है।
जब मैं नई कक्षा में गया तो मेरी कक्षा में एक लड़की आ गई।दखने में मेरी लिए किसी परी से कम नहीं थी।देखते ही मेरा मन तेजी से कापने लगता था।
अब मुझे ज्यादा पढाई भी करना था क्योंकि वह लड़की पढ़ने में काफी तेज थी।मैं काफी मेहनत के साथ पढ़ना चाहता था।मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था।
सारा दिन और सारी रात मै उसके बारे में सोचा करता था।लेकिन जब मै पढ़ाई के बारे में सोचता था तो मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आता था।
मैंने एक बार सोचा कि इसके बारे में मै अपने दोस्तों से कहु लेकिन मेरी हिम्मत नहीं होती थी।सब के चक्कर मै रह गया और मेरी कक्षा का पहला परीक्षा सामने आ गया।
जब मैं परीक्षा के लिए अपनी कक्षा में गया तो मुझे खुद पर काफी गुस्सा आ रहा था।तभी मै क्या देखता हु कि वह लड़की मेरी ओर आ रही थी।
वह काफी खुश लग रही थी।यह देख कर मै कुछ देर के लिए अपनी शरीर को हिला भी नहीं पा रहा था।उसको मुस्कराता देखकर मैंने भी मुस्करा दिया।
वह मेरी पास आकर बोली, कैसे हो?तुम तो अपने कक्षा के टोपर हो।हर टीचर तुम्हारी तारीफ करते है।बहुत दिन से तुमसे मिलना चाहती थी लेकिन नहीं मिल पा रही थी।इसके बाद वह आगे अपनी सहेली के पास चली गई।मै बस देखता रह गया।
अब परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र मिला। मुझे उस प्रश्न पत्र में कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।बस मै उस लड़की के बारे में सोच रहा था।
इसी तरह से परीक्षा का आधा समय बीत गया।तभी मुझे एक आवाज सुनने को मिला वह आवाज मेरे पीछे से आ रहा था। जब मै पीछे देखा तो वही लड़की।अब मै जमीन पर नहीं बल्कि आसमान की सैर कर रहा था।बड़ी ही धीरे से मेरा नाम लेकर कहा,पेपर नहीं देना है क्या?
अभी तक तुमने कुछ भी नहीं लिखा है।इस पर मैं कुछ बोलने वाला ही था तो फिर से वह लड़की बोली,पेपर में कोई सवाल नहीं समझ नहीं आ रहा है तो मुझ गवार की मदद ले सकते हो।
इसके बाद मैंने अपने प्रश्न पत्र को हल करना शुरू कर दिया।मुझे कुछ सवाल समझ नहीं आ रहे थे तो मैंने उस लड़की से पूछ ही दिया।बड़ी ही समझदारी के साथ उस सवालो का हल बताया जिससे किसी दूसरे को शक भी ना हो।
इसके बाद मेरी कान में एक और आवाज आई।वह आवाज घंटी की थी।इस समय में हमें लंच भी करना था।हम दोनों ने पहली बार अपनी लंच को बाट कर खाया।
अब मै सोच रहा था कि मै सपना देख रहा हूँ या यह सब हकीकत है।यह घंटी परीक्षा के समय का ख़त्म होने पर बज रही थी।
इसलिए मैंने उस लड़की से कहा,तुम थोड़ा मुझे चिकोटी काटो।इस पर उस लड़की ने कहा,क्यों? मैंने कहा,मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मै एक सपना देख रहा हुया यह सब हकीकत है।
रोज हम काफी बाते करते और काफी समय एक साथ बिताते।हमारी परीक्षा भी ख़त्म हो गया और इस बार सबसे ज्यादा परीक्षा में अंक मेरा ही था।सब कारण वह लड़की ही थी।
दोस्तों इस तरह से मेरी स्कूल की प्रेम कहानी शुरू हुई थी।मैंने जब तक स्कूल में पढ़ा उसके साथ ही रहा और कभी कोई टीचर भी हमें बुरा नहीं कहते या यह नहीं कहते की तुम दोनों साथ ना रहा करो।
- First love of school:
एक दिन काफी घर वालो के दबाव पर वह लड़का स्कूल की ओर चल दिय।मन में काफी गुस्सा उबाल रहा था।वह सोचता था कि फिर आज मेरे सारे दोस्त मेरा मजाक बनाने वाले है।साथ ही टीचर का भी काफी सुनने को मिलेगा।
यह सब सोचते हुए वह लड़का स्कूल की ओर चल रहा था।वह स्कूल तक पंहुचा। वह देरी से कुछ समय ही आज पहुंच गया था।
प्रार्थना के बाद वह अपनी कक्षा में गया।कोई भी दोस्त उसका मजाक नहीं उड़ा रहे थे।उसे कक्षा का सबसे टोपर लडके के साथ बैठने का मौका मिला।अब वह लड़का ख़ुशी से झूम रहा था।
जब क्लास का टॉपर लड़का क्लास के टॉपर लड़की के पीछे वाली सीट पर बैठा तो यह लड़का भी वही चला गया।दोनों एक दूसरे से काफी बात कर रहे थे और यह लड़का बस चुप-चाप अपने किताब को पढ़ रहा था।
इस पर वह लड़का बोला,मै रोज स्कूल आना चाहता हु लेकिन मेरा कोई अच्छा दोस्त नहीं है।जिससे मेरा स्कूल का टाइम पास हो सके।
वह लड़का खुशी से पागल होता जा रहा था।एक लड़की ने रोज स्कूल आने का कहा।उसे लकडी के पीछे वाली सीट पर बैठने का मौका मिला है और यह लड़की क्लास की टोपर है।
उस लड़की के बराबर हो जाए। इसलिए वह काफी मेहनत से पढ़ने लगा।अभी भी उसे काफी सवाल समझ नहीं आते थे इसमें वह लड़की इस लड़के को मदद करती थी।
एक दिन उस लड़के के मन में सवाल आया कि मुझे उस लड़की से प्रेम तो नहीं हो गया है।उसने लड़की से कहा, क्या तुम मेरी एक मदद कर सकती हो।
लड़के के बोल रहे थे कि इस लड़के ने ही पहले हाथ छोड़ा है।इस लड़की ने लड़के को बचा लिया।यह लड़का समझ गया कि इस लड़की को प्रेम हो गया है।
यह लड़का और मेहनत के साथ पढ़ना शुरू कर दिया।आखरी में वह लड़का पुरे क्लास का टोपर बन गया।लड़को ने कहा कि अगर तुम वास्तव में एक टोपर हो तो तुम्हे भी उस स्कूल का एंट्रेंस पेपर देना चाहिए।
लड़का भी ताव में आ गया और उसने दूसरे स्कूल का पेपर दिया और उस स्कूल में सेलेक्ट भी हो हो गया।घर वालों ने उसका नाम नए स्कूल में लिखवा दिया।
अब इस लड़के को इतना भी समय नहीं मिला कि यह लड़का उस लड़की को बता सके।वह लड़का अपने घरवालो और पढ़ाई के आगे झुक गया।